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Thursday, May 17, 2018

राजस्थान में जन-कल्याण योजनायें

राजस्थान में जन-कल्याण योजनायें
राजस्थान में जन-कल्याण योजनायें
-    पन्नाधाय जीवन अमृत योजना (जनश्री बीमा योजना), (14 अगस्त, 2006):-
>    बी.पी.एल. के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को सम्बल प्रदान करनेके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित हैंे। बी.पी.एल परिवारों के मुखिया कों निशुल्क बीमा सुविध उपलब्ध करवाई जाती हैं।
>    इस योजना में 18-59 के बीच के उम्र के परिवार के मुखिया की सामान्य मृत्यु होने पर 30,000 रु. दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75,000 रु., दो पैर-हाथ की क्षति होने पर 37,500 रु. देय हैं। बीमित सदस्य के बच्चों को कक्षा 9 से 12 तक 100 रु. प्रतिमाह छात्रवृति प्रदान की जाती हैं।
-    पेंशन योजनाएं:-
>    सरकार ने निराश्रितों बी.पी.एल. परिवारों के वृद्धों, निःषक्तजनों, विधवाओं, परित्यक्ताओं हेतु स्वीकृत की जाने वाली पेंषन योजना में काफी परिवर्तन कर समाज के पात्र वर्ग को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने के लिए 6 प्रकार की योजनाएं संचालित हैं।
1.  इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय पेंशन योजना:-
बी.पी.एल परिवार के 60 वर्षं से अधिक आयु  के वृद्ध पुरूष या महिला को 500 रु. एवं 75 वर्षं से अधिक उम्र पर 750रु. पेंशन देने का प्रावधान हैं।
2.  इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना:-
सन् 2009 में बी.पी.एल परिवार की 40-64 वर्षं की विधवा को 500रु. और 75 वर्षं से अधिक होने पर 750रु. की पेंशन देने का प्रावधान हैं।
3. इन्दिरा गांधी निशक्तजन पेंशन योजना:-
सन् 2009 में 18-64 उम्र के गंभीर विकलांग को 500 रु. और 75 वर्षं से अधिक उम्र पर 750रु. की पेंषन देने का प्रावधान हैं।
4. राजस्थान निराश्रित वृद्धावस्था पेंषन योजना :-
58 वर्षं के पुरूष और 55 वर्षं से अधिक उम्र के परिवार में 25 वर्षं से अधिक उम्र का कमाऊ सदस्य न होने पर 500 रु. और 75 वर्षं की अधिक उम्र होने पर 750 रु. पेंषन देने का प्रावधान हैं।
5. राजस्थान निराश्रित विधवा/परित्यक्ता पेंषन योजना:-
18 वर्षं से अधिक उमग्र की विधवा के परिवार में 25 वर्षं से अधिक उम्र का कमाऊ सदस्य नहीं होने पर 500 और 75 वर्षं से अधिक उम्र होने पर 750 रु. की पेंषन देने का प्रावधान हैं।
6. राजस्थान विलांग पेंशन योजना:-
8 वर्षं या अधिक उम्र का विकलांग के परिवार में 25 वर्षं से अधिक का कमाऊ सदस्य नहीं होने पर 500रु. और 75 वर्षं से अधिक उम्र होने पर 750 रु. पेंषन देने का प्रावधान हैं।
-    मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना, मई 2010:-
>    बी.पी.एल, स्टेट बी.पी.एल को 25 किलो गेहँ एवं अंत्योदय परिवारों 35 किलो गेहूँ 2 रु. प्रति किलों की दर पर उपलब्ध रवाया जायेगा।
>    बी.पी.एल, स्टेट बी.पी.एल को 25 किलो गेहूँ और 500 ग्राम चीनी 13.50रु. प्रति किलो प्रति व्यक्ति दिया जायेगा। अन्त्योदय परिवारों को 10 किलों गेहँ निःषुल्क दिया जायेगा।
-    ग्रामीणजन भागीदारी विकाय योजना 2010-11:-
>    ग्रामीण क्षेत्रों में विकास एवं रोजगार सृजन तथा सामुदायिक परिसम्पतियों के निर्माण एवं रख-रखाव में जन भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य पोषित योजना।
1 कब्रिस्तान, श्मषान की चारदीवारी हेतु 90 % राज्य का 10 % जनसहयोग।
2 अन्य कार्य में 70 % राज्य का 30% जनसहयोग।
3 S.T, S.C क्षेत्रों में 80 % राज्य का एवं 20 % जनसहयोग।
-    मुख्यमंत्री बी.पी.एल जीवन रक्षा कोष योजना, 2009:-
>    बी.पी.एल परिवारों के रोगियों को निःषुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना।
>    इस योजना में स्टेट बी.पी.एल, आस्था कर्मचारी, एड्स मरीजों, नवजीवन योजना, अन्त्योदय योजना, अन्नपूर्णा लाभार्थियों पर लागू होगी।
>    चिकित्सा सुविधा हेतु बी.पी.एल परिवार के रोगी पीले रंग के बी.पी.एल. सहायक काउण्टर पर सम्पर्क करे और अपना कार्ड प्रस्तुत करें। यहां से रोगी का भर्ती टिकट जारी करेगा। रोगी की सभी जांचों एवं बीमारियों के इलाज की सुविध निःषुल्क होगी।
-    जननी सुरक्षा योजना:-
>    राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना हैं। इसका उद्देष्य मातृ एवं षिषु मृत्यु दर कम करना और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना हैं।
>    मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में प्रसव होने पर 500 रु. एवं सिजेरियन होने पर 1500 रु. की राषि। प्रसुता का 48 घण्टे तक अस्पताल में ठहराव
अनिवार्य हैं।
>ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसुता को 1400 रु. एवं आषा सहयोगिनी को 400 $ 200 की प्रोत्साहन राषि।
>शहरी क्षेत्र में यह राषि 1000 रु. और आषा सहयोगिनी कों 200 रु. की प्रोत्साहन राषि।
>बी.पी.एल महिला को प्रथम प्रसव पर 5 किलोग्राम घी।
>घरेल प्रसव पर वित्तीय लाभ 500 रु. ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में देय हैं।
>गर्भधारण के 12 सप्ताह बाद ।छड रजिस्ट्रेषन कार्ड़ बनवाना होगा, 100 आयरन की गोलिया प्राप्त करें।
-    राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष, 1 अप्रैल 1999:-
>    राजस्थान मूल के परिवार जिनकी वार्षिंक आय 10000 हैं या कम और बी.पी.एल में नहीं हैं। ऐसे परिवार के रोगियों के गंभीर बीमारी के इलाज के लिए कुल खर्च का 40 % एवं अधिकतम 60000 रु. दिये जायेगें।
>     वाल्व परिवर्तन करवाने पर 3000 रु.
>    वाल्व या बाईपास सर्जरी 50000 रु.
>    किड़नी परिवर्तन करने पर 50000 रु.
>    कैंसर या गंभीर बीमारी होने पर 40 % या 50000 की सहायता।
>    दुर्घटना में आकस्मि मृत्यु पर तत्काल 20000 रु., गंभीर घायल होने पर 5000 रु., साधारण घायल होने पर 2500 रु. की सहायता।
-    मुख्यमंत्री बालिका सम्बल योजना:-
>    जिन दम्पतियों के पुत्र नहीं हैं और दो पुत्री होने पर नसबंदी करा लेते हैं तो उन्हे इस योजना के अन्तर्गत UTI के द्वारा 10000 का बॉण्ड दिया जायेगा एवं बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने पर 76,900 रुपये प्रदत होगें।
-    माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक का भरण-पोषण योजना, 2007:-
>    वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम, 2007 राजस्थान में 1 अगस्त, 2008 को लागू हुआ।
1. उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारियां को अभिकरणों की अध्यक्षता सौंपी।
2. जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में अपीलैण्ट ट्रिब्युनल का गठन।
-    आपदा राहत कोष CRF:-
>    प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली क्षति पर सहायता उपलब्ध कराई जाती हैं।
1. प्राकृति आपदा में मृत्यु होने पर 1 लाख रुपये दिये जाते हैं। यह राषि जिला कलेक्टर द्वारा गठित समिति के द्वारा दिये जाते हैं। इस समिति का अध्यक्ष उपखण्ड अधिकारी होता हैं।
2. आंख या पैर की क्षति पर 36000 रुपयें 40.75 % विलांगता होने पर,  75 % विकलांगता होने पर 50000 की सहायता।
3. पक्के आवास पूर्ण नष्ट होने पर 35,000 रु. की सहायता, आंषिक नष्ट होने पर 1,500 रु. की सहायता, गंभीर क्षति होने पर 2,500 रु. की सहायता
उपलब्ध करवाई जाती हैं।
-    महिला स्वयं सहायता समूह योजना (SHG):-
>    राज्य स्तर पर ‘‘स्वयं सहायता समूह प्रषिक्षण संस्थान’’ की स्थापना की गई। सातों संभागीय मुख्यालयों पर भी स्वयं सहायता समूह सन्दर्भ केन्द्र स्थापित किये गये हैं। 30 पंचायत समिति मुख्यालयों पर भी खण्डस्तरीय SHG सन्दर्भ केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन हैं।
>    4 करोड़ रुपयें से SHG के लिए चक्रातित फण्ड की स्थापना की गई हैं। महिला आर्थिंक सषक्तिकरण के स्वरोजगार के लिए ैभ्ळ गठित किये गये हैं। इस समुह को बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाने, सीडमनी उपलब्ध करवाने, व्यवसाय के लिए प्रबन्ध व प्रषिक्षण देने का प्रावधान किया गया हैं।
-    किसान जीवन कल्याण योजना:-
>    कृषि सम्बन्धी किसी प्रकार का कार्य करते समय किसान/खेतीहर मजदूर की आकस्मिक मृत्यु की दषा में आश्रित कों एक लाख रुपये, दो अंग भंग होने
पर पचास हजार रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने पर चालीस हजार रुपये, कोमा में चले जाने पर चालीस हजार रुपये।
>    महिला-पुरूष के सम्पूर्ण बालों की डिस्केलपिंग होने पर चालीस हजार रुपये, बालों के आंषि उखड़ने पर 25,000 रुपये, एक अंग भंग होने पर 25,000 रुपये, चार अंगुली कटने पर 15,000 रुपये, तीन अंगुली कटने पर 10,000 रुपये, एक कटने पर 5,000 की सहायता राषि उपलब्ध होगी।
>    पीडित परिवार को प्रार्थना पत्र कृषि उपज मण्डी सचित को दो माह की अवधि के भीतर देना होगा।
-    आशा सहयोगिनियों का चयन:-
>    जननी योजना के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मानदेय के आधार पर नियुक्त महिला जिसका उद्देष्य आंगनबाड़ी केन्द्रों की सेवाओं को लाभान्वित तक पहुंचाना हैं। 0-3 वर्षं के बच्चों की देखरेख, जनबोध करने की दृष्टि से नियुक्ति की गई हैं।
>    नियमित गृह सम्पर्क के द्वारा पोषण, पोषण सहायक सेवाऐं उपलब्ध कराने, टीकाकरण, प्रसवपूर्व तीन जांच, 6 माह तक के बच्चों के केवल स्तनपान पर विषेष ध्यान देना, सहयोगिनियों को ही NRHM के तहत आशा का काम भी सौंपा हैं। प्रत्येक आंगनबाड़ी पर प्रति माह गुरूवार/सोमवार को मातृ षिषु स्वास्थ्य व पोषण दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
-    राजराजेष्वरी महिला कल्याण योजना:-
>    महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए ओरियण्टल बीमा कंपनी (OIC) द्वारा शुरू की गई। किसी महिला द्वारा 55.50 पैसे एक बार देने पर 5 वर्षं के लिए उस महिला कों पति की मृत्यु होने पर 25,000 रु., गंभीर घायल होे पर 12,500 रु. की सहायता उपलब्ध करवाई जाती हैं। यह जिला समिति एजेन्सी हैं।
-    सामूहिक विवाह अनुदान योजना:-
>    21 वर्षं का लड़का व 18 की लड़की के 10 जोड़ों का विवाह सामुहिक रूप से कराने वाली संस्था कों 5000 की राषि प्रति जोड़ा दी जायेगी। इस राषि से 3750 रु. लड़की को और शेष आयोजन व्यय के रूप में होगें।
-    समाज कल्याण छात्रावास योजना:-
>    सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित इस योजना की पात्रता की शर्तें निम्न हैं:-
1. छात्र के परिवार की आय एक लाख रुपये से अधिक नहीं हों।
2. S.T., S.C., O.B.C  के छात्र/छात्रा 6-12 तक नियमित अध्ययनरत हों।
3. ऐसे छात्रावास में निःषुल्क आवास, भोजन, वस्त्र की सुविधा उपलब्ध हैं।
-    अन्तरजातीय विवाह योजना:-
>    इसे डॉ. सवेता अम्बेड़कर अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना भी कहा जाता हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित हैं। SC से विवाह करने पर 50000 रु. देने का प्रावधान हैं। इसकी शर्तें निम्न हैं:-
1. विवाह पंजीकृत हो।
2. सवर्ण हिन्दु व दूसरा SC का हो।
3. दोनो में कोई एक राजस्थान मूल का हों।
4. विवाह करने वालों के माता-पिता 5 वर्षं से राजस्थान में बसे हों।
-    पालनहार योजना:-
>    सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित, अनाथ बच्चे जिनकी उम्र 0-15 वर्षं हैं, माता-पिता नहीं हैं या आजीवन कारावास हो चुका हों। इनका कोई रिश्तेदार नहीं होने की स्थिति में बच्चों कों पालनहार द्वारा घर जैसी सुविधा देना। इसकी पात्रता की शर्तें निम्न हैं:-
1. सगा भाई कमाने वाला नहीं हों।
2. पालनहार की आय 1.20 लाख से अधिक न हों।
>    ऐसे बच्चों को 2 वर्षं पश्चात् आंगनबाड़ी व 6 वर्षं पश्चात् स्कूल भेजना अनिवार्य हैं।
1. 0-5 वर्षं की उम्र के बच्चों के लिए 500 रु. प्रतिमाह।
2. 6-15 वर्षं के बालकों को 675 रु. प्रतिमाह।
3. 2000 रु. वस्त्रादि के लिए वार्षिंक।
-    सहयोग योजना:-
>    यह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित हैं।
>    बी.पी.एल. परिवारों की पुत्रियों की शादी पर सहायता राषि, विवाह योग्य 18 वर्षं की पुत्री, बी.पी.एल परिवार से सम्बन्धित हों, अधिकतम 2 पुत्रियों की विवाह के अवसर पर सहायता राशी।
-    आस्था योजना:-
>    निःषक्त कल्याण योजना, वे परिवार जिनमें दो या अधिक निःषक्त व्यक्ति हो, परिवार की आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं हों, इन्हे आस्था कार्ड़ जारी करवाना पड़ता हैं।
-    कुटीर ज्योंति योजना:-
>    राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के नाम से राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में संचालित हैं। ठच्स् परिवारों को 100 यूनिट बिजली 85
पैसे प्रति यूनिक की दर से उपलब्ध करवायी जाती हैं। विद्युत कनेक्षन निःषुल्क होगा जिसकी दूरी 30 मीटर तक ही होनी चाहिए।
-    भक्त श्रवण सेवाश्रम योजना (डे केयर सेंटर):-
>    राजस्थान राज्य भक्त श्रवण कुमार कल्याण सेवा आश्रम नियम-2004, के नियम के तहत सेवा आश्रम राज्य के असहाय गरीब, कच्ची बस्ती के वृद्धों
के लिए हैं। अल्पाहार, प्रौढ़-षिक्षा, धार्मिंक प्रवचन, समाचार पत्रों को पढ़ने की व्यवस्था। वृद्ध पुरूष की उम्र 60 वर्षं  महिला की उम्र 44 वर्ष सेअधिक
हों। वे निराश्रित, असहाय, उपेक्षित, संतानहीन, परित्यक्त हों।
>    स्वयंसेवी संस्था ‘‘संस्था रजिस्ट्रीकरण एक्ट, 1958’’ के तहत लोक संस्थान के रूप में पंजीकृत हों। शहरी क्षेत्र में 1,47,500 रु. प्रति 25 वृद्ध, ग्रामीण क्षेत्र में 1,35,000 रु. की अनुदान राषि दी जायेगी। अतिरिक्त खर्च के लिए 20,000रु. की राषि प्रतिवर्ष दी जायेगी।
-    आंगनबाड़ी केन्द्र पर पोषाहार सेवाएँ
>    6 माह से 6 वर्षं तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाना। स्वयं सहायता समूहों, मातृ समितियां की देख-रेख में संचालित। नवजात षिष, गर्भवती, धात्री किषोरियों, अतिकुपोषित बच्चों को पोषाहार दिया जाता हैं। पोषाहार मे बेबी मिक्स उपलब्ध कराया जाता हैं। 3-6 वर्षं के बच्चों को एक दिन दलिया, एक दिन खिचड़ी गरम पोषाहार सप्ताह में 6 दिन दिया जाता हैं। जिसमें 500 कैलोरी व 12-15 ग्राम प्रोटीन होती हैं।
-    आंगनबाड़ी केन्द्रों पर चिकित्सा सेवा:-
>    0-5 वर्षं के बच्चों व गर्भवती महिलाओं का प्रतिरक्षण, टीकाकरण, आई.एफ.ए. गोलियों का वितरण, आयोडिन की जांच, गर्भवती धात्री माताओं के स्वास्थ्य की जांच, पोषण, शिक्षा, चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं।
-    निःषक्त छात्रवृत्ति योजना:-
>   निःषक्त कल्याण योजना है। निःषक्त विद्यार्थी जो निम्न पात्रता रखते हैं को लाभ मिलेगा।
1. अभिभवक/संरक्षक की आय 1 लाख से अधिक न हों।
2. मान्यता प्राप्त विद्यालय में नियमित अध्ययनरत हों।
3. छात्र/छात्रा गत वर्षं की कक्षा में उत्तीर्ण हुआ हों।
-    निःषक्त विवाह अनुदान योजना:-
>    निःषक्त युवक/युवतियो को विवाह उपरांत सुखद जीवन आरम्भ करने के लिए 25,000 की आर्थिंक सहायता उपलब्ध करवाना। इसकी शर्तें निम्न हैं:-
1. राजस्थान का मूल निवासी।
2. निःषक्त प्रमाणपत्र हों।
3. संरक्षक की आय वार्षिंक 50,000 से अधिक न हों।
-    विष्वास योजना:-
>    निःषक्त व्यक्तियों को स्वयं का व्यवसाय आरम्भ करने के लिए 1 लाख रुपयें तक का ऋण जिसमें 30 % अनुदान होगा। इसकी शर्तें निम्न हैं:-
1. राज्य का मूल निवासी हों।
2. 18-15 वर्षं का हों।
3. निषक्त हों।
4. वार्षिंक आय 50,000 रु. से अधिक न हों।
5. पूर्व में राजगार हेतु अनुदान का लाभ न लिया हों।
-    विकलांग पेंशनधारी को एकमुष्त राशी योजना:-
>    विकलांग व्यक्ति को स्वावलंबी बनाने के उद्देष्य से विकलांग पेंषनधारी अगर अपना व्यवसाय अलग करना चाहे तो उसका एकमुष्त 15,000 रु. की राषि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती हैं। उसे अपनी पेंषन पेमेण्ट ऑर्डर केस कार्यालय में जमा करवानी होगी। इसकी शर्तें निम्न हैं:-
1. आवेदक कोष कार्यालय से पेंषनधारी व्यक्ति होना चाहिए।
2. राज्य का मूल निवासी हों।
3. निःषक्त एक्ट, 1995 के तहत् निःषक्त हों।
4. 18 से कम और 65 से ज्यादा न हों।
-    राष्ट्रीय विकलांग एवं विकास निगम योजना:-
>    स्वरोजगार के लिए सस्ती ब्याजदरों पर विकलांग को आसान पुनःभुगतान किष्तों पर ऋण सुविधा देना।

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