जयपुर. हमारे समाज में भले ही अंतरजातीय विवाह (Inter-caste marriage) का विरोध होता हो, लेकिन सामाजिक समरसता (Social harmony) कायम करने और अस्पृश्यता निवारण के लिए गहलोत सरकार की ओर से डॉ. सविता बेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना में सहायता राशि बढ़ाने के बाद योजना को पंख लग रहे हैं. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में बड़ी संख्या में युगल विवाह के लिए आवेदन कर रहे हैं. कोरोना संकट भी युगलों को विवाह करने से रोक नहीं सका. कोराना काल में भी 90 युगलों ने सरकार की गाइडलाइन के तहत अंतरजातीय विवाह किया. योजना के तहत पिछले वर्ष सरकार ने 33 करोड़ 55 लाख और मौजूदा वर्ष में 4 करोड़ 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान कर चुकी है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित इस अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य सरकार 5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करती है. इनमें से 3 लाख 75 हजार रुपये राज्य सरकार और 1 लाख 25 हजार रुपये केंद्र सरकार प्रदान करती है. वर्ष 2013 से पहले प्रोत्साहन राशि महज 50000 रुपये मिलती थी, लेकिन इसके बाद राज्य सरकार ने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि पांच लाख रुपये कर दी. अंतरजातीय विवाह के मामले में राजस्थान में अजमेर, कोटा, श्रीगंगानगर, जयपुर और अलवर टॉप 5 जिलों में शामिल हैं.
यह है योजना की पात्रता
समाज कल्याण विभाग के निदेशक ओपी बुनकर ने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के युवक अथवा युवती जिसने किसी सवर्ण हिन्दू युवक अथवा युवती से विवाह किया हो तो उसे इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही दोनों ही राजस्थान के मूल निवासी होने चाहिए. जोड़े में से किसी की भी आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. साथ ही किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्ध नहीं होना चाहिए और अविवाहित भी होना चाहिए.
युगल की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये से अधिक न हो
बुनकर के अनुसार कई बार जरूरी दस्तावेज के अभाव में लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाती है. राज्य सरकार अंतरजातीय विवाह करने वाले युवकों 5 लाख रुपए प्रदान करती है. 1 महीने के भीतर आवेदन करने पर लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि दे दी जाती है. इसके लिये अंतरजातीय विवाह करने वाले युगल के विवाह के प्रमाण स्वरूप सक्षम प्राधिकरण या अधिकारी कार्यालय से जारी विवाह पंजीयन प्रमाणपत्र होने के साथ ही युगल की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
2.50 लाख रुपये की संयुक्त एफडी
डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत युगल के सुखद दांपत्य जीवन को सुनिश्चित करने के प्रयोजन से पति-पत्नी के लिए 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि में से 2.50 लाख रुपये दोनों के संयुक्त खाते में 8 वर्ष के लिए फिक्स डिपोजिट में डाले जाते हैं. वहीं 2.50 लाख रुपये दांपत्य जीवन के निर्वहन के प्रयोजनार्थ आवश्यक व घरेलू उपयोग आदि की चीजों की खरीद के लिए नकद सहायता उनके संयुक्त बैंक खाते के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं.
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