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Monday, January 27, 2020

पुरस्कार और सम्मान 2018 महत्वपूर्ण

पुरस्कार और सम्मान 2018

महत्वपूर्ण पुरस्कार 2018 मे जिसमे से बहुत से Questions आगामी परीक्षा मे पूछे जाएगे, प्रमुख भारतीय पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार तथा अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार 2018 Questions नीचे हमने उपलब्ध किए है, जिसे आपको ध्यान देना अत्यन्त आवश्यक है, जिसकी मदद से कुछ Questions Current Affairs Topic से पूछे जाएगे।


सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री – दिव्या दत्ता(इरादा)
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता – फहाद फाजिल
सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड स्कोर – ए. आर. रहमान ( मॉम)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता – रिध्दि सेन ( नगर कीर्तन)
सर्वश्रेष्ठ नॉन फीचर फिल्म – वॉटर बेबी
नरगिस दत्त अवार्ड फॉर बेस्ट फिल्म ऑन नेशनल इंटीग्रेशन – धप्पा ( मराठी मूवी )
सर्वश्रेष्ठ फिल्म ( ऑल लैग्वेज) – विलेज रॉकस्टार ( असमिया )
सर्वश्रेष्ठ गायक – वसुदास ( मलयालम फिल्म विश्वरूपम मंसूर के गाने के लिए।
सर्वश्रेष्ठ गायिका – शशा तिरूपति
सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म – म्होरक्या (मराठी )
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक – जयराज ( भयंकम )
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक ( गैर- फीचर फिल्म )- नगराज मंजुले
सामाजिक विषयों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म – आलोरूक्कम ( मलयालम)
स्पेशल मेंशन अवॉर्ड – सुनील मिश्रा ( सिनेमा पर उनके लेखों के लिए)
सर्वश्रेष्ठ बुक ऑन सिनेमा – बॉबी बाहेंगबाम द्वारा लिखी गई फिल्म मतमागी मणिपुर को
गैर – फीचर फिल्मो में स्पेशल फिल्म – फिल्म ए वेरी औल्ड मेन विद इनॉर्मस विंग्स एंट मन्डे
सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक – कातरू वेलीइदई के लिए ए. आर. रहमान
सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर – गणेश आचार्य ( टॉयलेट एक प्रैमकथा )
सर्वश्रेष्ठ फिल्मांकन – भयंकम ( मलयालम )
सर्वश्रेष्ठ संपादन – रीमा दास ( विलेज रॉक स्टार )
सर्वश्रेष्ठ गीतकरा – जे. एम. प्रहलाद ( मार्च 22)


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भारत जनगणना-2011 | India Census-2011 |


-    भारत के महापंजीयक और गणना आयुक्त:- सी. चंद्रमौली

-    2011 की जनगणना भारत की 15 वीं गणना हैं। 

-    विश्व की आबादी में भारत का हिस्सा:- 17.5 % हैं। यह 18 करोड़ बढ़ी हैं। 

-    2001 के मुकाबले में 2011 की जनसंख्या वृद्धि दर में 4 % की गिरावट आई हैं। 

1991-2001 = 21.5 % में थी व 2001-2011 त्र 17.64 % वृद्धि हुई हैं। 

-    देश की कुल आबादी की 16%  जनसंख्या उत्तरप्रदेष हैं। 

सन् 1971 के बाद अब तक का सर्वोच्च लिंगानुपात 2011 की जनगणना से प्राप्त हुआ हैं 

1901    -    972

1911    -    964
1921    -    955

1931    -    950
1941    -    945

1951    -    946
1961    -    941

1971    -    930
1981    -    934

1991    -    926
2001    -    933

2011    -    940

-    लिंगानुपात में 2001 की तुलना में 7 अंक की वृद्धि हुई हैं। 

-    जनगणना दो चरण में पूरी हुई हैं:-
1. अप्रैल से सितम्बर – 2010           
 2. 9 फरवरी से 28 फरवरी – 2011 


NPR = National Population Registers
>    35 राज्यों व केन्द्रषासित प्रदेष एवं 640 जिलों, 24 करोड़ घरों में गणना हुई। 

-    भारत की कुल जनसंख्या:- 1,21,01,93,422 हैं।

-    पुरूषो की जनसंख्या:- 62,37,24,248 हैं।
-    महिलाओं की जनसंख्या:- 58,64,69,174 हैं। 

-    सर्वांधिक जनसंख्या वाले राज्य निम्न हैं:-
प्रदेश

जनसंख्या

प्रदेष

जनसंख्या
उत्तरप्रदेष

199581477

बिहार

1037804637
महाराष्ट्र

112372972

पष्चिम बंगाल

91347736
आंध्रप्रदेष

84665533

मध्यप्रदेष

72597565
तमिलनाडु

72138958

-    वैष्विक स्तर पर भारत की जनसंख्या की तुलना:-
संयुक्त राज्य अमेरिका

4.5 %
इण्डोनेषिया

3.4 %
ब्राजील

2.8 %
पाक

2.7 %
बांग्लादेष

2.4 %
नाइजीरिया

2.3 %
रूसी संघ

2.0 %
जापान

1.9 %
चीन

19.4 %
भारत

17.5 %
-    ग्रामीण जनसंख्या:- 83.3 करोड़ (68.84 %)
-    शहरी जनसंख्या:- 37.07 करोड़ (31.16 %)

जनसंख्या
जनसंख्या वृद्धि दर:- 17.64 % (राजस्थान 21.44 %)
सर्वांधिक जनसंख्या वृद्धि वाले राज्य:-
मेघालय

27.82 %
अरूणाचाल प्रदेष

25.92 %
जम्मू कष्मीर

23.71 %
मिजोरम

22.78 %
छत्तीसगढ़

22.59 %
झारखण्ड

22.34 %

दमन दीव

53.54%
दादर-नागर-हेली

55.50 %
पुदुच्चेरी

27.72 %

न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्य
नागालैण्ड

.47% (नकारात्मक वृद्धि दर)
केरल

4.86 %
गोवा

8.17 %
आन्ध्रप्रदेष

11.10 %
हिमाचलप्रदेष

12.81 %

न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले केन्द्रषासित प्रदेष
लक्षद्वीप

6.23 %
अण्डमान-निकोबार

6.68 %
लिंगानुपात
लिंगानुपात = 940 (2001 = 933 )
सर्वांधिक लिंगानुपात वाले राज्य
केरल

1084
तमिलनाडु

995
आन्ध्रप्रदेष

992
छत्तीसगढ़

991
मणीपुर

987
मेघालय

986
उड़ीसा

978

दमन-दीव

618
दादर-नागर हवेली

775
चण्ड़ीगढ़

818
दिल्ली

866
हरियाणा

877
अण्डमान-निकोबार

878
सिक्किम

889
जम्मू-कष्मीर

883
पंजाब

893
जनसंख्या घनत्व
जनसंख्या घनत्व = 382
table caption=”सर्वांधिक जनसंख्या घनत्व वालें 5 राज्य/केन्द्रषासित प्रदेष”]
दिल्ली,11297
चण्डीगढ़,9252
पुदुच्चेरी,2598
दमन-दीव,2169
लक्षद्वीप,2013
बिहार,1102
पष्चिम बंगाल,1029
केरल,829
उत्तर-प्रदेष,828
दादर-नागर,698
तमिलनाडु,555
[/table]
न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले राज्य/केन्द्रषासित प्रदेष
अरूणाचल प्रदेष

17
अण्डमान -निकोबार

46
मिजोरम

52
सिक्किम

86
मणिपुर

122
हिमाचलप्रदेष

123
जम्मू-कष्मीर

124
नागालैण्ड

119
मेघालय

132
छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड

139
साक्षरता
साक्षरता = 74.4 %
सर्वांधिक साक्षरता वालें राज्य
केरल

93.91 %
मिजोरम

91.58 %
लक्षद्वीप

92.28 %
त्रिपुरा

87.75 %
गोवा

87.40 %
पुदुच्चेरी

86.55 %
चण्डीगढ़

86.43 %
दिल्ली

86.34 %
दमन-दीव

87.07 %
अण्डमाननिकोबार

86.27 %

न्यूनतम साक्षरता वालें जिलें
बिहार

63.82 %
अरूणाचलप्रदेष

66.95 %
राजस्थान

67.06 %
झारखण्ड

67.63 %
आन्ध्रप्रदेष

67.66 %
जम्मू-कष्मीर

68.74 %
उत्तरप्रदेष

69.72 %

सर्वांधिक पुरूष साक्षरता वालें राज्य
केरल

96.02 %
लक्षद्वीप

96.11 %
मिजोरम

93.72 %
गोवा

92.81 %
त्रिपुरा

92.81 %
पुदुच्चेरी

92.12 %
दिल्ली

91.03 %
दमन-दीव

91.48 %
हिमाचलप्रदेष

90.83 %
अण्डमान-निकोबार

90.11 %
राजस्थान

80.51 %

न्यूनतम पुरूष साक्षरता वालें राज्य
बिहार

73.99 %
अरूणाचलप्रदेष

73.69 %
आन्ध्रप्रदेष

75.56 %
मेघालय

77.17 %
जम्मू-कष्मीर

78.26 %

सर्वांधिक महिला साक्षरता वाले राज्य
केरल

91.98 %
मिजोरम

89.40 %
लक्षद्वीप

88.25 %
त्रिपुरा

83.15 %
गोवा, अडमाननिकोबार

81.84 %

न्यूनतम महिला साक्षरता वाले राज्य
बिहार

53.33 %
राजस्थान

52.66 %
झारखण्ड

56.21 %
उत्तरप्रदेष

59.26 %
अरूणाचलप्रदेष

59.57 %
0.6 आयु वर्ग का लिंगानुपात:-
914 (2001 – 927)
0-6 आयुवर्ग में सर्वांधिक लिंगानुपात
मिजोरम

971
मेघालय

970
अण्डमाननिकोबार

966
पुदुच्चेरी

965
छत्तीसगढ़

964
अरूणाचल प्रदेष

960
केरल

959
त्रिपुरा

953
असम

951
पष्चिम बंगाल

950

0-6 आयुवर्ग में न्यूनतम लिंगानुपात
हरियाणा

830
पंजाब

846
जम्मूकष्मीर

859
चण्डीगढ़

867
दिल्ली

866
महाराष्ट्र एवं राजस्थान

883
प्रजनन दर
सर्वांधिक गिरावट

28.8 % पंजाब में
न्यूनतम गिरावट

5.6 % केरल में

सर्वांधिक प्रजननदर वालें राज्य
बिहार

3.7 %

उत्तर-प्रदेष

3.5 %
मध्यप्रदेष

3.2 %

राजस्थान

3.1 %
झारखण्ड

3.0 %


न्यूनतम प्रजननदर वालें राज्य
तमिलनाडु, आंध्रप्रदेष, केरल, हिमाचल, पष्चिमबंगाल

1.7 %
महाराष्ट्र, पंजाब

1.8 %
दिल्ली

1.9 %
जम्मू-कश्मीर , कर्नाटक

2.0 %

राजस्थान में प्रशासनिक व्यवस्था

राजस्थान में प्रशासनिक व्यवस्था
राजस्थान में प्रशासनिक व्यवस्था
-    एकीकरण के समय 25 जिलें बनाये गये, जिन्हें पांच संभागों में विभाजित किया। जिले का प्रमुख प्रषासनिक अधिकारी जिलाधीष और संभागीय स्तर का प्रषासनिक अधिकारी संभागीय आयुक्त था। एकीकरण के समय संभाग निम्न थें:-
1. जयपुर   2. जोधपुर    3. उदयपुर     4. बीकानेर    5. कोटा
-    नवम्बर, 1956 में अजमेर के विलय होने पर 26 वें जिलें के रूप में जयपुर संभाग में रखा गया और जयपुर संभाग का नाम अजमेर संभाग रखा, लेकिन मुख्यालय जयपुर रहा।
-    अप्रैल, 1926 में मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़ीया ने संभागीय प्रणाली समाप्त करदी।
-    26 जनवरी, 1987 को मुख्यमंत्री हरिदेवजोषी ने संभागीय प्रणाली पुनः स्थापित की और छठे संभाग के रूप में जयपुर की पुनःस्थापना की। 4 जून, 2005 को भरतपुर को नया संभाग बनाया गया।
संभाग

जिले
अजमेर

अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा, टोंक
बीकानेर

बीकानेर, गंगानगर, चुरू, हनुमानगढ़
जोधपुर

जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालौर, सिरोही
उदयपुर

उदयपुर, राजसमन्द, डुंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़
भरतपुर

भरतपुर, करौली, सवांईमाधोपुर, धौलपुर
कोटा

कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़

-    निम्न नयें जिलें बनये गये:-
>    15 अप्रैल, 1982 को धौलपुर 27 वां जिला बनाया गया।
>    10 अप्रैल, 1991 को दौसा राजसमन्द, बारां को जिला बनाया गया।
>    12 जुलाई, 1994 को हनुमानगढ़ को जिला बनाया गया।
>    19 जुलाई, 1997 को करौली को जिला बनाया गया।
>    1 अप्रैल, 2008 को प्रतापगढ़ को जिला बनाया गया।
विधानसभा कार्यकाल
विधानसभा

गठन

भंग

महिला सदस्य
प्रथम (160)

29.03.52

23.03.57

2
दूसरी (176)

24.04.57

01.03.62

9
तीसरी (176)

03.03.68

28.02.67

8
चौथी (184)

03.03.67

15.03.72

7
पांचवी (184)

15.03.72

30.04.77

13
छठी (200)

22.06.77

17.02.80

8
सातवी (200)

06.06.80

09.03.85

9
आठवी (200)

09.03.85

01.03.90

17
नवीं (200)

02.03.90

15.12.92

12
दसवी (200)

04.12.93

30.11.99

10
ग्यारहवी (200)

01.12.99

05.12.03

15
बारहवी (200)

06.12.03

10.12.05

12
तेरहवी (200)

11.12.08

30

विधानसभा अध्यक्ष
1.

नरोत्तमलाल जोशी

2.

रामनिवास मिर्धां

3.

निरंजनाथ आचार्य
4.

रामकिशोर व्यास

5.

लक्ष्मणसिंह

6.

भोपालसिंह
7.

पुनमचन्द

8.

हीरालाल देवपुरा

9.

गिरिराज तिवाड़ी
10.

हरिषंकर भाभड़ा

11.

शान्तिलाल चपलोत

12.

समरथलाल मीणा
13.

परषराम मदेरणा

14.

सुमित्रासिंह

15.

दीपेन्द्र सिंह

विवरण

9176 ग्राम पंचायत (प्राथमिक स्तर)
संस्था (स्तर)

ग्राम पंचायत-9176
गठन

गंवो का समुह, सरपंच, उप-सरपंच, पंच, ग्राम सभा द्वारा निर्वांचित पंच वॉर्ड वार। प्रत्येक वॉर्ड में पंजीकृत वयस्क सदस्य प्रत्यक्ष निर्वाचित होते हैं।
योग्यता

न्यूनतम आयु 21 वर्ष। 21 नवम्बर, 1995 के बाद तीसरा संतान होने पर चुनाव लड़ने के अयोग्य, सम्बन्धित निवार्चन क्षेत्र का मतदाता होना आवष्यक हैं।
निर्वाचित सदस्य संख्या

3000 जन संख्या पर 9 सदस्या। इसके अधिक प्रति हजार पर 2 अतिरिक्त सदस्य।
सरकारी अधिकारी

ग्राम सेवक
सरपंच का चुनाव

गाव के वयस्क मतदाता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता हैं।
उप-सरपंच का चुनाव

वॉर्ड पंचो व सरपंच द्वारा किसी वॉर्ड पंच को अप्रत्यक्ष निर्वाचित करता हैं।
बैठक

प्रत्येक 15 दिन में कम से कम एक बार
अविश्वास प्रस्ताव

प्रथम दो वर्षं तक नहीं लाया जा सकता हैं। दो वर्ष बाद 3/4 बहुमत से लाया जा सकता हैं। एक बार अविष्वास प्रस्ताव असफल होने पर दोबारा नहीं लाया जा सकता हैं।

विवरण

मध्य-स्तर (खण्ड स्तर)
संस्था

पंचायत समिति-249
गठन

प्रधान, उप-प्रधान, सदस्य 1. निर्वाचित सदस्य:- प्रधान , उप-प्रधान, सदस्य 2. पदेन:- सम्बंधित पंचायत समिति के सरपंच, सम्बंधित पंचायत समिति क्षेत्र का विधान-सभा सदस्य, निर्वाचित सदस्य प्रत्यक्ष निर्वांचित होते हैं , प्रधान का निर्वांचन सदस्य मिल कर करते हैं। प्रधान का सदस्यहोना आवष्यक हैं।
योग्यता

21 वर्ष, पंचायत (ग्राम पंचायत) के समान
निर्वांचित सदस्य संख्या

न्यूनतम 15 सदस्य , एक लाख से अधिक होने पर प्रत्येक 15000 पर दो अतिरिक्त सदस्य होगें।
सरकारी अधिकारी

खण्ड़ विकास अधिकारी
प्रधान का त्यागपत्र

जिला प्रमुख
उप-प्रधान का त्यागपत्र

उप-प्रधान
बैठक

प्रत्येक माह में कम से कम एक बार

विवरण

शीर्ष स्तर (जिला स्तर)
संस्था

जिला परिषद-33
गठन

जिला स्तर, जिला प्रमुख (अप्रत्यक्ष)

उप-जिला प्रमुख (अप्रत्यक्ष)

सदस्य (प्रत्यक्ष)

पदेन:- सभी प्रधान सम्बन्धित जिलों के लोकसभा, राज्यसभा, विधान सभा के सदस्य (सम्बन्धित जिले कें)
योग्यता

21 वर्षं
निर्वाचित सदस्य संख्या

न्यूनतम 17, चार लाख से अधिक होने पर प्रत्येक 1 लाख पर दो अतिरिक्त सदस्य।
सरकारी अधिकारी

मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO)
जिला प्रमुख का त्यागपत्र

संभागीय आयुक्त
उप-जिला प्रमुख का त्यागपत्र

जिला-प्रमख, सदस्य भी जिला प्रमुख को।
बैठक

तीन माह में एक बार

राजस्थान महत्वपूर्ण तथ्य

राजस्थान महत्वपूर्ण तथ्य
महत्वपूर्ण तथ्य
वॉर्ड

ग्राम पंचायत में जितने पंच होगें उतने ही वॉर्ड होगें। प्रत्येक वॉर्ड में पंजीकृत वयस्क मतदाता का समुह वार्ड सभा कहलाती हैं, वॉर्ड सभा का अध्यक्ष वॉर्ड पंच होता हैं।,गणपूति 10%  होती हैं एवं वर्षं में कम से कम 2 बैठक होती हैं।
पंचायती राज-स्मारक

2007-08 में पंचायती राज स्मारक बनाने का निर्णय नागौर में लिया गया। यह स्मारक नागौर में बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा हैं।
इन्दिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान

यह 25 मार्च, 1989 में गठित किया गया था। यह स्वाषासी पंजीकृत संस्था हैं। इसका उद्देष्य पंचायती राज व ग्रामीण विकास से सम्बंधित अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को प्रषिक्षण देना हैं। राज्य ग्रामीण विकास संस्थान का इसमें विलय कर दिया गया हैं।
कटारिया समिति

1999, पंचायतों को 29 विषय चरणबद्ध तरीके से  देने की सिफारिष की हैं।
राजस्थान विकास

पंचायती राज विभाग द्वारा प्रकाषित पत्रिका, जिसमें योजनाओं व कार्यक्रमों का विवरण होता हैं।
ग्यारहवी अनुसूची में वर्णित विषय

अनुच्छेद -243

1. कृषि

2. मृदा संरक्षण, भूमि सुधार

3. लघु सिंचाई, जल प्रबंध

4. डेयरी

5. मछली पालन

6. लघु वनोपज

7. वानिकी

8. लघु उद्योग

9. गरीबी उन्मूलन

10. गैर-परम्परागत ऊर्जा

11.ईधन,चारा

12. पेयजल

13. ग्रामीण विकास

14. खादी, ग्रामीण कुटीर उद्योग

15. ग्रामीण विद्युत

16. सड़के, नालियां

17. सार्वजनिक वितरण प्रणाली

18. सामुदायिक संपदा

19. S.T., S.C. कल्याण

20. महिला बाल विकास

21. परिवार कल्याण

22. समाज कल्याण

23. हाट, मेले

24. पुस्तकालय

25. तकनीकी प्रषिक्षण, व्यवसायिक शिक्षा

26. शिक्षा , प्राथमिक,माध्यमिक

27. सांस्कृतिक गतिविधियां

28. स्वास्थ्य

29. प्रौढ़ शिक्षा
ग्राम सेवक प्रषिक्षण केन्द्र

मण्ड़ोर (जोधपुर)
पंचायत प्रषिक्षण केन्द्र

डुंगरपुर, अजमेर
हरिषचन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रषासन संस्थान

जयपुर, उदयपुर

मुख्यमंत्री

कब से

कब तक
हीरालाल शास्त्री

05.01.1951
सी.एस.वंकटाचारी

05.01.1951

26.04.1951
जयनारायण व्यास

24.04.1951

03.03.1952
टीकाराम पालीवाल

03.03.1952

31.10.1952
जयनारायण व्यास

01.11.1952

12.11.1954
मोहनलाल सुखाड़िया

13.11.1954

11.04.1957
मेहनलाल सुखाड़िया

11.04.1957

11.03.1962
मोहनलाल सुखाड़िया

12.03.1962

13.03.1967
नोट:- दिनांक 13.03.1967 से 24.04.1967 (43 दिन) तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा।

मोहनलाल सुखाड़िया

26.04.1967

08.07.1971
बरकतुल्लाह (पद पर रहते निधन)

09.07.1971

11.10.1973
हरिदेव जोशी

11.10.1973

29.04.1977
नोट:- दिनांक 30.04.1977 से 21.06.1977 तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा।

भैरोसिंह शेखावत

26.02.1977

16.02.1980
नोट:- दिनांक 17.02.1980 से 05.06.1980 तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा।

जगन्नाथ पहाड़िया

06.06.1980

13.07.1981
शिवचरण माथुर

14.07.1981

23.02.1985
हीरालाल देवपुरा

23.02.1985

10.03.1985
हरिदेव जोशी

10.03.1985

20.01.1988
शिवचरण माथुर

20.01.1988

04.12.1989
हरिदेव जोशी

04.12.1989

04.03.1990
भैरोसिंह शेखावत

04.03.1990

15.12.1992
नोट:- दिनांक 15.12.1992 से 03.12.1993 तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा।

भैरोसिंह शेखावत

04.12.1993

01.12.1998
अशोक गहलोत

01.12.1998

08.12.2003
वसुन्धरा राजे

08.12.2003

13.12.2008
अशोक गहलोत

13.12.2008


राजस्थान के राज्यपाल
राज्यपाल

कब से

कब तक
गुरूमुख निहाल सिंह

1956

1962
डा. सम्पूर्णानन्द

16.04.1962

15.04.1967
हुकमसिंह

16.04.1967

19.11.1970
जगतनारायण

20.11.1970

23.12.1970
सरदार हुकमसिंह

24.12.1970

30.06.1972
जोगेन्द्रसिंह

01.07.1972

11.05.1977
वेदपाल त्यागी (Act.)

15.2.1977

रघुकुल तिलक

12.05.1977

08.08.1981
के.डी.शर्मां(Act.)

08.08.1981

05.03.1982
अशोक मेहरा

06.03.1982

04.01.1985
बी.के.बनर्जी (Act.)

05.01.1985

13.01.1985
डी.पी.गुप्ता (Act.)

04.11.1985

19.11.1985
बसंतराव

20.11.1985

14.10.1987
जगदीश सारण (Act.)

15.11.87

19.02.89
सुखदेव

20.02.89

02.02.90
मिलापचन्द

03.02.1990

13.02.1990
देवीप्रसाद

14.02.1990

25.08.1991
स्वरूपसिंह (Act.)

26.08.1991

04.02.1992
चन्नारेड्डी

05.02.1992

30.05.1993
धनिकलाल  (Act.)

31.05.1993

29.06.1993
बलिरामभगत

30.06.1993

01.05.1998
दरबारसिंह (निधन)

01.05.1998

24.05.1998
टिबरेवाला

25.05.1998

16.01.1992
अंशुमानसिंह

16.01.1999

13.05.2003
निर्मलचन्द (निधन)

14.05.2003

22.09.2003
मदनलाल खुराना

14.01.2004

01.11.2004
प्रतिभा पाटिल

08.11.2004

21.06.2007
ए.आर.किदवई

21.06.2007

06.09.2007
रोलेन्द्र सिंह (निधन)

06.09.2007

01.12.2009
प्रभाराव (निधन)

02.12.2009

24.04.2010
शिवराज (Act.)

24.04.2010

12.05.2012
मारग्रेट अल्वा

12.05.2012


राजस्थान के जिलों के प्राचीन नाम
प्राचीन नाम

वर्तमान नाम

प्राचीन नाम

वर्तमान नाम
यौद्धेय

गंगानगर

वल्लमण्डल,माण्डधरा, दुगल

जैसलमेर
अलौर

अलवर

कांठल

प्रतापगढ़
तम्रती नगरी

आहड़

श्रीमाल

बाड़मेर, भीनमाल
भटनेर

हनुमानगढ़

खिज्राबाद

चित्तौड़गढ़ (नगरी, माध्यमिक)
श्रीपंथ

बयाना

सत्यपुर

संचोर
विराट

बैराठ

अहिछत्रपुर

नागौर
कोठी

धौलपुर

ब्रजनगर

झालरापाटन
अजयमेरू

अजमेर

गोपालपाल

करौली

राजस्थान के नगरों के उपनाम
वर्तमान नाम

उपनाम

वर्तमान नाम

उपनाम
जयपुर

रत्न नगरी, गुलाबी शहर, पूर्व का पेरिस

अजमेर

राजस्थान का ह्यदय
बांसवाड़ा

सौ द्वीपों का शहर

अलवर

पूर्वी राजस्थान का कष्मीर,  राजस्थान का सिंहद्वार
भरतपुर

जल महलों का जिला, पूर्वी द्वार, राजस्थान का प्रवेष द्वार

धौलपुर

डांग, डायमण्ड सिटी, कोठी
कोटा

औद्योगिक नगरी, कानपुर, शिक्षा का मक्का

झालावाड़

राजस्थान का नागपुर
बूंदी

बावड़ियों का शहर, छोटी काशी

भीलवाड़ा

वस्त्र नगरी, वस्त्र निर्यात नगरी
ओंसिया

राजस्थान का भुवनेष्वर

नाकोड़ा

राजस्थान का खुजराहों
जगत

मेवाड़ का खुजराहों

भण्डदेवरा

मिनी खुजराहों
भैंसरोड़गढ़

वैल्लौर

तारागढ़

जिब्राल्टर
दिवेर (राजसमन्द)

मेवाड़ का मैराथन

अर्बुदा देवी

राजस्थान की वैष्णोंदेवी (माउण्ट आबू)
तनोट माता

थार की वैष्णोंदेवी

रावतभाटा

अणुनगरी
जैसलमेर

स्वर्णनगरी, म्यूजियम सिटी, पीले पत्थरों का शहर

डुंगरपुर

पहाड़ों की नगरी
रेढ़

प्राचीन भारत का टाटानगर (टोंक)

उदयपुर

झीलों की नगरी, कश्मीर, पूर्व का वेनिस
हल्दीघाटी

राजस्थान की धर्मोपल्ली

जालौर

ग्रेनाइट नगर
रणकपुर

खंभो का नगर

गंगानगर

अन्न का कटोरा
जोधपुर

थार का प्रवेष द्वार, सूर्य नगरी

विजयस्तम्भ

भारतीय मूर्तिकल का विश्वकोष

राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के प्राचीन नाम
प्राचीन नाम

वर्तमान नाम

प्राचीन नाम

वर्तमान नाम
यौद्धेय

गंगानगर, हनुमानगढ़ का क्षेत्र

जंगल

बीकानेर, उत्तरी जोधपुर
शेखावाटी

चुरू, सीकर, झुंझुनूं

अहिछत्रपुर

नागौर
गौड़वाड़

पाली, बाड़मेर, जालौर,माण्ड़

वल्ल"

जैसलमेर
बांगड़

पाली, नागौर, सीकर, झुंझुंनू

थली

बीकानेर, नागौर, चुरू
गुर्जरता

जोधपुर का दक्षिण भाग

मरूवाड़

जोधपुर
आबुर्द

सिरोही, आबू

साल्व

टलवर
शूरसेन

भरतपुर, धौलपुर, करौली

कुरूप्रदेष

अलवर का उत्तरी भाग
मत्स्य प्रदेष

अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर

डांग

धौलपुर, करौली, सवांईमाधोपुर
मेवात

अलवर

माल

दक्षिण-पूर्वी पठारी प्रदेष
मालखेराड़/खेराड़

भीलवाड़ा, टोंक

मेवल

डुंगरपुर, बांसवाड़ा
भोराट

उदयपुर (गोगुन्दा), राजसमन्द (कुंभलगढ़)

मेरवाड़

अजमेर, राजसमन्द
भोमट

डुंगरपुर, उदयपुर, पूर्वी सिरेही, पर्वतीय आदिवासी भाग

हाड़ौती

कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां

राजस्थान के प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय
क्र.स.

पंथ प्रवर्तक

पीठ

क्र.स.

पंथ

प्रवर्तक

पी��
1.

जसनाथजी

जसनाथजी

कतरियासर

2.

विष्नोई

जाम्भोजी

मुकाम, तालवा
3.

चरणदासी

चरणदासजी

दिल्ली

4.

लालदासी

लालदासजी

शेरपुर, धोलीदूव
5.

निम्बार्क

आचार्य निम्बार्क

सलेमाबाद (अजमेर)

6.

रामानंदी

कृष्णदासजी

गलताजी (जयपुर)
7.

निरंजनी

हरिदासजी

गाढ़ा (नागौर)

8.

रामस्नेही

रामचरण

शाहपुरा
9.

रामस्नेही

दरियावजी

रैण (नागौर)

10.

रामस्नेही

हरिरामदासजी

सिंथल (बीकानेर)
11.

रामस्नेही

रामदास

खेड़ापा (जोधपुर)

12.

दादूपंथ

छादूजी

नरायणा (जयपुर)
13.

रामानन्दी

अग्रदासजी

रैवासा (सीकर)

14.

नाथपंथ

नाथ मुनि

जोधपुर
15.

रामानुज (रामावत)

रामानुज

16.

वल्लभ

वल्लभाचार्य

नाथद्वारा

17.

गौड़ीय

महवाचार्य

जयपुर

[tableराजस्थान की प्रमुख लोक देवीयां"]
क्र.स.,देवी,स्थान,वंश,क्र.स.,देवी,स्थान,वंष
1.,करणीमाता,देशनोक,राठौड़,2.,जीणमाता,सीकर,चौहान
3.,कैलादेवी,करौली,यदुवंष,4.,शिलादेवी (अन्नपूर्णां),आमेर,कच्छवाहा
5.,जमुवायमाता,जमवारामगढ़,कच्छवाहा (कुलदेवी),6.,आईमाता,बिलाड़ा (जोधपुर),सीखी चौधरी
7.,राणी सती,झुंझुनूं,अग्रवाल,8.,शीतला माता,चाकस (जयपुर) ,
9.,आवड़माता,जैसलमेर,भाटी,10.,नागणेचीजी,”बीकानेर, जोधपुर”,राठौड़ (कुलदेवी)
11.,ब्राह्यणी माता,बारां,,12.,सुगाली माता,आउवा,चम्पावत
13.,अम्बिका माता,जगत,,14.,स्वांगिया माता,(आवड़माता),जैसलमेर,भाटी
15.,बाणमाता,उदयपुर,सिसोदिया,16.,सच्चियामाता,ओंसिया,टोसवाल
17.,आशापुरी माता(महोदरी माता),मेंदरा (जालौर),सोनगरा चौहान,18.,भदाणा माता ,कोटा,
19.,आवरी माता,निकंभ(चित्तौड़),,20.,तनोटमाता,तनोट (जैसलमेर),
21.,साकम्भरी,सांभर (जयपुर),चौहान (कुलदेवी),22.,बड़ली माता,अकोला (चित्तौड़),
23.,लटियाल,फलौदी,,24.,निपुर-सुंदरी (तुरताई),तलवाड़ा (बांसवाड़ा),
25.,अम्बामाता,उदयपुर,,26.,दधिमाता,गोठ-मांगलोद,दाधीच
27.,अधरदेवी,माउण्ट आबू,,28.,हिंगलाज,”नारलाई, लोद्रवा”,
29.,जोगविथा माता,भीलवाड़ा,,30.,भांवल माता,मेड़ता,
31.,सुण्ड़ा माता,भीनमाल,,32.,आसपुरी माता,डुंगरपुर,
[/table]
राजस्थान के अन्य संत/पंथ
क्र.स.

पंथ प्रवर्तक

पीठ

विषेष
1.

परनामी

प्राणनाथ

पन्ना (मध्प्रदेष)

‘कुजलम स्वरूप’’ ग्रन्थ जयपुर में बड़ा मन्दिर
2.

गूदड़

संतदास

दांतड़ा (भीलवाड़ा)

गूदड़ी के बने कपड़े पहनते थें।
3.

नवल संप्रदाय

न्वलदास

नागौर

मुख्य मन्दिर जोधपुर में
4.

अलखिया संप्रदाय

लालगिरीजी

चुरू

10. वी सदी
राजस्थान की लोक नाट्य कलाएं
राजस्थान की लोक नाट्य कलाएं
यह मनोरंजन के लिए जनसाधारण के लोगो के द्वारा अभिनय किये जाते हैं। प्रमुख लोक नाट्य कलाएँ निम्न हैं:-
- ख्याल:-
इसका शाब्दिक अर्थ हैं खेल-तमाषा।
इसका प्रारम्भ अठारहवी शताब्दी से माना जाता हैं। राजस्थान मंे लोकनाट्य की सबसे लोकप्रिय विद्या ख्याल हैं। कुछ प्रमुख ख्याल निम्न हैं:-
चिड़ावा ख्याल:-

    यह शेखावाटी क्षेत्र का प्रसिद्ध हैं। इसके प्रवर्तक नानूरामजी थे।

हेला ख्याल:-

    यह दौसा, लालसोट व सवांईमाधोपुर का प्रसिद्ध हैं।

अलीबख्शी ख्याल:- यह अलवर का प्रसिद्ध हैं।
तुर्राकंलगी ख्याल:-

    मेवाड़ का प्रसिद्ध हैं। (तुर्रा:- षिव, कलंगी:- पार्वती)

कुचायनी ख्याल:-
इसके प्रवर्तक लच्छीरामजी थे। यह शेखावटी का प्रसिद्ध हैं।
- रम्मत:-

    बीकानेर की प्रसिद्ध हैं।
    होली व सावण में खेली जाती हैं।
    रम्मत खेलने वालों को खेलार कहते हैं।
    ‘‘स्वतन्त्र बावनी की रम्मत’’ प्रसिद्ध हैं।
    रम्मत खेलते समय नगाड़े व ढ़ोलक बजते हैं।

तमाषा:-

    यह जयपुर का प्रसिद्ध हैं।
    महाराजा प्रतापसिंह के समय इसका प्रारम्भ जयपुर से हुआ था।
    तमाषा खुले मंच पर होता है।
    पंडित बंषीधर भट्ट ने तमाषे को नई ऊँचाईयां प्रदान की।

स्वांग:-

    यह होली के अवसर पर खेले जाते हैं।
    इसका प्रारम्भ 13 वी 14 वीं शताब्दी मंे हुआ था।
    स्वांग रचने वाले कों स्वांगिया या बहरूपिया कहते हैं।

गवरी:-

    भीलों का लोकनृत्य हैं जो नाटिका के रूप में मंचित किया जाता हैं।
    गवरी को मरू नाट्य के नाम से भी जाना जाता हैं।
    यह बांसवाड़ा, डुंगरपुर व उदयपुर का प्रसिद्ध हैं।
    यह 40 दिनों तक चलने वाला एकमात्र नाट्य हैं।
    इसमें षिव व भष्मासुर की कथा सुनाई जाती हैं।
    षिव को पुरिया कहा जाता हैं।

नौटंकी:-

    राजस्थान के पूर्वी भाग भरतपुर, धौलपुर, अलवर, करौली की प्रसिद्ध हैं।
    इसमें नौ प्रकार के वाद्य यंत्र बजते हैं।
    ढ़ोलक व सारंगी प्रमुख होते हैं।
    मुख्य विषय:- – राजा हरिषचन्द्र की कथा
    नल दम्पती की कहानी
    लैला-मंजनू की कहानी

भवाई:-

    इस लोक नृत्य को लोक नाटक के रूप में खेला जाता हैं।
    इसके जन्मदाता वाघजी थे।

चारबैत शैली:-

    टोंक का प्रसिद्ध हैं। मुख्य वाद्य यन्त्र ढ़फ होता हैं।

रसिया दंगल:- भरतपुर (ड़ीग) का प्रसिद्ध हैं।

राजस्थान के लोकवाद्य यन्त्र
वाद्ययन्त्र मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं:-
तत् वाद्य यन्त्र:-

    इसमें तार लगे होते हैं।
    तार का प्रकार व उनकी संख्या अलग-अलग वाद्य यन्त्रों अलग-अलग होती हैं।

इकतारा:-

    इसमें एक तारा होता हैं, इकतारा मुख्यतः नाथ सम्प्रदाय, कालबेलिया, साधुसंन्यासी के द्वारा बजाया जाता हैं।

जंतर:-

    वीणा की आकृति का बना होता हैं।
    लेकिन इसमें दो तुम्बे होते हैं।
    देवनारायणजी की फड़ बांचते समय गुर्जर जाति के भोपे जन्तर बजाते हैं।

रावणहत्था:-

    रावणहत्था नारियल की कटोरी पर बकरे का चमड़ा लगाकर बजाया जाता हैं।
    इसमें नौतार होते हैं।
    यह मुख्यतः पाबूजी की फड़ बांचते समय बजता हैं।

भंपग:-

    यह वाद्ययन्त्र राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र मंे बजाया जाता है।
    जहुर खां मेवाजी भंपग के प्रमख कलाकार हैं।

कामायचा:-

    यह सारंगी के समान वाद्य यन्त्र होते हैं।
    जिसमें 27 तार लगे होते हैं।
    राजस्थान के पष्चिमी भाग जैसलमेर, बाड़मेर में मांगलिया जाति के लोगो द्वारा बाजाया जाता है।

रबाज:-

    सारंगी के समान वाद्य यन्त्र होता हैं।
    इसमें 12 तार होते हैं, मेवाड़ के राव भाटी जाति के लोगों द्वारा बजाया जाता हैं।
    रम्मत खेलते समय भी रबाज बजाया जाता है।

Vijaya Stambha

Vijaya Stambha

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https://youtu.be/MziSQQ04u3A

The Vijaya Stambha is an imposing victory monument located within Chittor Fort in ChittorgarhRajasthanIndia. The tower was constructed by the Mewar king, Rana Kumbha, in 1448 to commemorate his victory over the combined armies of Malwa and Gujarat led by Mahmud Khilji. The tower is dedicated to Vishnu.[1]